साइकिल से डेढ़ हजार किलोमीटर सफर तय कर बिहार का युवक पहुंचा केदारनाथ, समाज को दिए अच्छे संदेश-देखे तस्वीरे

A young man from Bihar reached Kedarnath after traveling one and a half thousand kilometers

 

बाबा केदार के प्रति प्यार हो तो ऐसा विश्व भर से बिहार के इस लड़के के जज्बे को मिल रही है सराहना झाझा के रहने वाले प्रीतम रझना के इस कारनामे से पूरी दुनिया हैरान आपको बता दें कि बीते पिछले 5 मई को साइकिल से बिहार के छोटे से शहर झाझा से केदारनाथ के लिए निकले थे प्रीतम और बीते 6 जून को सफर पूरा कर बाबा का किया दर्शन

बता दें कि यह सफर इतना आसान नहीं था जितना आसान प्रीतम ने कर दिया नीचे दिए सारे तस्वीर है आप का मन मोह लेंगे बाबा के प्रति प्यार और लगन ही इन तस्वीरों को देख कर बोल सकते हैं|

Kedarnath reached by bicycle from Jhajha

1500 किलोमीटर का सफर

आमतौर पर साइकिल से छोटी मोटी सफर तो रोजाना हर कोई करता है लेकिन 1500 किलोमीटर का यह कठिन सफर सबकी बस की बात नहीं यह लाखों व्यक्ति में कोई एक ही कर सकता है उन्हीं में से एक हैं झाझा निवासी प्रीतम कुमार, बाबा केदारनाथ के प्रति इनके इस जुनून को पूरे देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में हो रही है सराहनाKedarnath reached by bicycle from Jhajha

केदारनाथ पहुंचने में लगे 40 दिन

पिछले 40 दिनों से झाझा से केदारनाथ की यात्रा पूरी करने में लगी आपको बता दें कि झाझा पुरानी बाजार के निवासी हैं प्रीतम इनके पिता का नाम नंदकिशोर राजहंस है, प्रीतम बहुत साधारण घर से आते हैं| वह कहावत है ना की किसी के प्रति यदि प्यार हो तो उसे किसी भी तरीके से पूरा किया जा सकता है और यह बाबा केदार का बुलावा समझे या उनके प्रति प्यार, इसी कहावत को एक बार फिर से सच कर दिखाया है बिहार के एक लड़के ने Kedarnath reached by bicycle from Jhajha

जुनून हो तो ऐसा

इस सफर के दौरान प्रीतम बिहार के झाझा से निकलकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रमुख मंदिर का दर्शन करते हुए बाबा केदार के पास पहुंचे| एक साधारण सी साइकिल में झाझा से केदारनाथ का बोर्ड लगाकर घर से निकले थे और बाहर में जो भी लोग देख रहे थे वह हैरान हो जा रहे थे कितनों ने तो यह भी बोला कि यह लड़का पागल हो गया है लेकिन यह प्रीतम का जुनून था जो इन्हें बाबा केदारनाथ धाम तक पहुंचा दिया

Kedarnath reached by bicycle from Jhajha

समाज को दिया अच्छे संदेश

प्रीतम का साइकिल से केदारनाथ जाने के पीछे एक ही मकसद था कि लोगों में एक अच्छा संदेश है कि कैसे हम साइकिल चलाकर पर्यावरण को सुरक्षित कर सकते हैं सोचा और साइकिल उठाकर केदारनाथ जी और निकल पड़ा|