पटना के बाद बिहार के इन तीन शहरों में भी बनेगा तारामंडल, जानिए क्या है सरकार का प्लान

खगोलीय दुनिया की हरकतों का रोमांच देखने के लिए पूरे बिहार से लोग पटना पहुंचते है लेकिन अब बहुत ही जल्द बिहार के तीन अन्य शहरों में भी तारामंडल खुल जाएंगे। गया, भागलपुर में तारामंडल का निर्माण किया जा रहा है और बहुत ही जल्द मुजफ्फरपुर में इसका कार्य प्रारंभ हो सकता है।
इन तीन शहरों में तारामंडल के खुलने से उत्तर व दक्षिण बिहार के विज्ञान के छात्रों को खगोल की दुनिया को नजदीक से जानने और समझने के लिए पटना जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इन केंद्रों को 2022 तक तैयार कर लिए जाने का लक्ष्य है।
1954 बना था पहला तारामंडल
आपको जानकर हैरानी होगी की बिहार का पहला और देश का सातवां तारामंडल 1954 में मुजफ्फरपुर के LS कॉलेज में बना था लेकिन कुछ खराबी के कारण 70 के दशक में यह बंद हो गया था। हाल में ही एलएस कॉलेज में पहुंचे बिहार सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा कि इस विरासत को बचाने के लिए इसे पुनर्जीवित किया जाएगा
गया भागलपुर में चल रहा है काम
सूत्रों के मुताबिक मुजफ्फरपुर में स्पेस रिसर्च सेंटर के निर्माण पर करीब 5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही बिहार के गया और भागलपुर में तारामंडल का निर्माण किया जा रहा है. गया और भागलपुर में भी तारामंडल का लोग आनंद ले सकेंगे। यहां तारामंडल का निर्माण कार्य चल रहा है।
पूरे बिहार में एक ही तारामंडल
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि फ़िलहाल पूरे बिहार में केवल राजधानी पटना में ही तारामंडल है और यहां प्रति दिन अलग अलग जिलों से साइंस से जुड़े स्टूडेंट्स व आम लोग खगोलीय दुनिया को देखने-समझने आते हैं। जैसे ही बिहार के अलग अलग जगहों पर तारामंडल का निर्माण होगा, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों व विद्यार्थियों को विज्ञान में रुचि बढ़ेगी।
विशेषज्ञों की माने तो इन केंद्रों के खुलने से बच्चे-बच्चियों का मानसिक विकास होगा तथा इन्हें अपने करियर को नई दिशा देने में मदद मिलेगी और परंपरादत पढ़ाई से हटकर यहां के विद्यार्थी स्पेस रिसर्च और साइंस के अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ सकेंगे।