क्या आप भी अपने बच्चों को बस से भेजते हैं स्कूल, तो बसों में इन गाइडलाइंस की जरूर करें जांच

School Bus Safety Rules in Bihar: अप्रैल से स्कूल का नया सेशन शुरू हो गया है। इसके साथ-साथबच्चों ने स्कूल जाना भी शुरू कर दिया है । लेकिन हाल ही में हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुई स्कूल बस दुर्घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्कूल बसों के संचालन के संबंध में नई गाइडलाइंस जारी की गई है।
इन गाइडलाइंस के अंतर्गत स्कूल बसों की जांच ड्राइवर की फिटनेस रिपोर्ट और स्कूल बसों के संबंध में सभी आवश्यक नियमों बताए गए हैं। तो अगर आपका बच्चा भी स्कूल बस से स्कूल जा रहा है तो बच्चे को स्कूल बस में भेजने से पहले इन सेफ्टी नियम को अवश्य चेक कर ले। जिस किसी भी हादसे या दुर्घटना से बच्चों की सुरक्षा की जा सके।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी की गई सेफ्टी गाइडलाइंस
सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया है, कि स्कूल के साथ-साथ बच्चों के पेरेंट्स को भी नीचे दी गई गाइडलाइंस का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। किसी भी नियम के उल्लंघन के संबंध में स्कूल प्रशासन को सूचित किया जाना चाहिए।
- स्कूल द्वारा चलाई गई सभी बसों का रंग पीला होना चाहिए । साथ बस के बाहर की तरफ काली पट्टी पर” स्कूल वाहन” अवश्य दर्शाया जाना चाहिए।
- सबसे पहले यह सुनिश्चित कर लें, कि बस में सीटों के अनुसार ही बच्चों को को ही बैठाया जाना चाहिए।
- बच्चों को स्कूल बस में बैठाने से पहले यह आवश्यक चेक करें कि बस के पीछे “स्कूल बस” लिखा हुआ है या नहीं?
- अगर स्कूल द्वारा चलाई जा रही बस किराए पर ली गई है तो उसे पर “स्कूल ड्यूटी” बड़े और साफ शब्दों में लिखा होना चाहिए।
- स्कूल बस में इमरजेंसी खिड़की का होना बहुत जरूरी है।
- बच्चों की सेफ्टी के लिए स्कूल बस की खिड़कियों पर क्षैतिज दिशा में लोहे की ग्रिल अवश्य लगी होनी चाहिए।
- स्कूल बस के अंदर सभी आवश्यक सामानों के साथ फर्स्ट एड बॉक्स का होना अति अनिवार्य है।
- स्कूल बस के बाहरी साइड में स्कूल का नाम और फोन नंबर अवश्य लिखा होना चाहिए।
- स्कूल बस के अंदर गेट को आसानी से खुलने और बंद होना चाहिए।
- बस के अंदर स्कूल बैग रखने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
- स्कूल बस के अंदर एक अटेंडेंट अवश्य होना चाहिए जो बच्चों को बैठने और उठने में सहायता करें।
- स्कूल बस की अधिकतम गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है। इसके लिए बस में स्पीड गवर्नर अवश्य लगे होनी चाहिए।
- स्कूल बस ड्राइवर के पास 4 साल तक के लिए मान्य एलएमवी-ट्रांसपोर्ट वाहन वैध लाइसेंस होना चाहिए।
- स्कूल बस के ड्राइवर को हल्की नीली शर्ट और और गहरे नीले रंग की पेंट के साथ-साथ जूते पहनना अनिवार्य होना चाहिए।
- स्कूल बस के अंदर ड्राइवर और अटेंडेंट दोनों के पास आईडी कार्ड का होना अनिवार्य है।
- स्कूल बस ड्राइवर के पास बच्चों की पूरी सूची के साथ-साथ उनका पता उनका ब्लड ग्रुप और माता-पिता का फोन नंबर होना अनिवार्य है।
- छोटे बच्चों यानी किंडर गार्डन की स्थिति में माता-पिता या गार्जियन को बस स्टॉप पर पहुंचने तक बच्चों को सुरक्षित रूप से बस में रुकना चाहिए। माता-पिता या गार्जियन के न पहुंचने की स्थिति में बच्चों को स्कूल वापस पहुंचाना चाहिए और माता-पिता को स्कूल में बुलाना चाहिए।
इसके अतिरिक्त स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल बसों की फिटनेस की रिपोर्ट नियमित रूप से मेंटेन करनी होगी। हर रूट पर जाने वाले ड्राइवर का नाम, फोन नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस, ड्राइवर की मेडिकल रिपोर्ट आदि सभी जानकारी स्कूल की वेबसाइट पर उपलब्ध होनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त जानकारी स्कूल के नोटिस बोर्ड पर भी होनी चाहिए। साथ ही पेरेंट्स टीचर मीटिंग में भी अभिभावकों को सभी जानकारी उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
आपको बता दे बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अभिभावकों को यह अधिकार दिया गया है कि वह अपने बच्चों को लाने ले जाने वाली स्कूल बस के संबंध में सभी जानकारी प्राप्त करें।