जमीन रजिस्ट्री बना रोड़ा, निबंधन कार्यालयों में सन्नाटा, करोड़ो का नुकसान जानिए

बिहार में जमीन रजिस्ट्री में बड़ा रोड़ा अब साबित हो रहा है, जब से जमीन रजिस्ट्री का नया नियम आया है तब से आम लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। आपको बता दूं कि नए नियम के वजह से सरकार को भी बड़ा नुकसान हुआ है।
निबंधन कार्यालयों में पसरा सन्नाटा
जब से नए नियम लागू हुए हैं तब से लगातार यह देखा जा रहा है कि सरकार को बड़ा नुकसान हो रहा है। आपको बता दूं कि इसका असर अब निबंधन कार्यालयों में भी दिखा जा रहा है। इन दिनों लगातार निबंधन कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
करोड़ों का नुकसान
उधर आंकड़ों पर नजर डालें तो आपको बता दूं कि सरकार को करोड़ों रुपये का घाटा लगा है। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2023 के मार्च महीने में जिला अवर निबंधन कार्यालय को कुल 12 करोड़ 19 लाख 93 हजार 361 रुपये मिले थे।
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लेकिन जब से नए नियम लागू हुए हैं तब से लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, जो घटकर 2024 के मार्च महीने में 2 करोड़ 98 लाख 39516 तक पहुंच गया है।
उधर आंकड़े यह भी बताते हैं कि निबंधन करवाने कार्यालय भी काम लोग आ रहे हैं। आंकड़ों पर एक नजर डालें तो पहले जहां प्रतिदिन औसतन 80 से 90 दस्तावेजों का निबंधन होता था, वही नए नियम आने के बाद यह घटकर एक तिहाई रह गया है जो कि गिरावट कर 10 से 14 हो गया है।
क्या कहते हैं दस्तावेजवीशों
निबंधन कार्यालय के दस्तावेजवीशों ने बताया कि जमीन की रजिस्ट्री में ऑनलाइन जमाबंदी के साथ जमीन का खाता खेसरा विक्रेता के लिए अनिवार्य किए जाने से उनके पास दस्तावेज लिखवाने लिए एक या दो लोग ही आ रहे हैं।
आपको बता दूं कि पहले जिस काउंटर पर जमीन रजिस्ट्री के लिए भीड़ लगी रहती थी, आज उस काउंटर पर एक भी इंसान नहीं दिख रहा है। अब देखना होगा कि सरकार कब नियमों में ढिलाई करती है और फिर से वही रौनक लौटती है जमीन रजिस्ट्री करवाने।