बिहार में बदला वंशावली बनाने का नियम! सरपंच को मिला बड़ा अधिकार, इन कागजातों की होगी जरूरत

Bansawali New Rule Bihar: बिहार में नई नियमावली के तहत वंशावली प्रमाण पत्र बनाने का काम शुरू हो गया है, हालाँकि इस बार के नियम में कुछ बदलाव भी किए गए है। तो आइए जानते है क्या है वह बदलाव और आपको कैसे वंशावली बनवाना है  –

यह है नया नियम

बिहार सरकार ने नई नियमावली के तहत वंशावली प्रमाण पत्र बनाने का जिम्मा सरपंच को दिया है, नए नियम के मुताबिक अब वंशावली निर्गत करने के लिए सक्षम प्राधिकार ग्राम कचहरी के प्रमुख सरपंच इसके लिए आवेदक से ₹10 नगद शुल्क के साथ शपथ पत्र लेने के बाद इसकी तफ़्तीश शुरु करेंगे।

नए नियम के तहत पहली बार वंशावली बनाने पर ₹10 जबकि दूसरी बार बनाने पर आपकों ₹100 चार्ज देना होगा।

ऑनलाइन भी कर सकते है आवेदन

अगर आवेदन अपने वंशावली प्रमाण पत्र निर्गत कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहते है तो वह भी किया जा सकता है, इसके लिए आपको RTPS का सहारा लेना होगा। ऑनलाइन आवेदन के दौरान भी आवेदकों को निर्धारित 10 रूपए का चार्ज देना होगा।

पांच गवाह है जरूरी

नए नियम के तहत वंशावली बनाने के लिए आपको पांच गवाह लेकर आने होने, सभी गवाह अपने अपने आधार कार्ड की फोटो कॉपी भी प्रस्तुत करेंगे जो फिर आवेदन में संलग्न किया जायेगा।

आवेदन को ग्राम कचहरी के पंच अपने स्तर से जाँच करेंगे उसके बाद इसे निर्गत्त करने में 22 दिनों का समय लिया जा सकता।

इन डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरूरत

वंशावली के आवेदन के साथ अब आवेदन को कई अन्य जरूरी डाक्यूमेंट्स देने होंगे, सबसे पहले तो आवेदक को एक शपथ पत्र देना होगा। इसके साथ ही आवेदक को पंचायत के निवासी से संबंधित प्रमाण पत्र, जमीन के कागजात, बासगीत पर्चा, जमीन नहीं होने की स्थिति में वोटर लिस्ट, जिसमें उसका और उसके परिवार का नाम दर्ज हो, आधार कार्ड, जिसमें आवेदक का पता दर्ज हो आदि कागजात जमा करना होगा।

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