Bihar Agriculture: बिहार में काली मूली ने मचाया धमाल, किसान को सरकार ने किया सम्मानित

बिहार में अब खेती को लेकर तरह तरह के नए प्रयोग किए जा रहे है। राज्य के भीतर अब ऐसी फसलों की भी सफल खेती होने लगी है, जो अब तक भारत के गिने-चुने राज्यों में ही देखी जाती रही हैं।
इसी क्रम में बिहार के एक किसान ने पहली बार काली मूली की सफल खेती की है। जिसके बाद वो चर्चा का विषय बने हुए है। खास बात यह की उन्होंने इस मूली की दो प्रजाति उगाई है।
बिहार में काली मूली की सफल खेती
बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज प्रखंड के मुशहरवा गांव के रहने वाले कमलेश चौबे प्रदेश के ऐसे पहले किसान बन गए हैं, जिन्होंने अपने खेत में काली मूली की सफल खेती की है।
इसकी खेती के लिए उन्होंने नागालैंड से बीज मंगवाए थे। जिसके बाद उन्होंने जनवरी महीने में इसकी खेती शुरू कर दी थी। सिर्फ 30 दिनों के अंदर ही फसल तैयार भी हो गई और उम्मीद से कई गुना ज्यादा पैदावार भी हुई।
देशभर के कई राज्यों से आई बीज की डिमांड
कमलेश की मानें तो सफल पैदावार करने के बाद देशभर के कई राज्यों से उनके पास काली मूली के बीज की डिमांड भी आई। अब तक उन्होंने हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश के किसानों को इसके बीजों की सप्लाई की है।
इतना ही नहीं, पड़ोसी देश नेपाल तक के किसानों ने कमलेश से काली मूली के बीज की खरीदारी की है। ध्यान देने वाली बात यह है कि बिहार के भी 25 जिलों के किसानों ने कमलेश से संपर्क कर इस खास मूली की बीज की खरीदारी की है।
सफेद मूली से कहीं ज्यादा महंगी बिकती है काली मूली

विशेषज्ञों के अनुसार बाजार में काली मूली सफेद मूली से कहीं ज्यादा महंगी बिकती है। काली मूली केवल बाहर से काली होती है, लेकिन अंदर से यह सफेद मूली की तरह ही होती है।
इसका टेस्ट भी बिल्कुल सफेद मूली की तरह ही होता है। पिछले कुछ सालों में भारत सहित समूचे दुनिया में इसकी डिमांड तेजी से बढ़ी है।
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक काली मूली में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो हमारे दिल को स्वस्थ रखने के लिए लाभदायक है। इसके अंदर मौजूद प्रोटीन, विटामिन-बी 6, थियामिन, विटामिन-ई जैसे पोषक तत्व हमारे शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं।
बिहार सरकार ने किया सम्मानित
कमलेश को काली मूली सहित कुछ अन्य खास फसलों की खेती करने के लिए बिहार सरकार ने सम्मानित भी किया है। इसी महीने की 18 तारीख को राजधानी पटना में आयोजित कृषि समारोह में उन्हें सरकार की ओर से प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। इस दौरान उन्हें 5 हजार रूपए का इनाम भी दिया गया।
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