बिहार के इस गुफा में छिपा है सोने का खजाना, इसके पीछे छिपी है रहस्यमय कहानी

भारत एक रहस्यमई जगह है यहां पर कई ऐसी चीज है जो लोगों को आज के समय में भी हैरान कर देती है। इसी कड़ी में आज हम बात करने जा रहे हैं बिहार के नालंदा जिले के एक रहस्यमई गुफा की, जहां पर दावा किया जाता है कि पहाड़ के नीचे आज भी सोना दबा हुआ है।
आज के इस आधुनिक युग में कुछ चीज ऐसी है जो विज्ञान के लिए भी पहेली बनी हुई है। बिहार के नालंदा जिले के राजगढ़ में स्थित सोन भंडार के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां सैकड़ो सालों से सोना का खजाना छुपा हुआ है।
राजा को सोने चांदी से था बेहद लगाओ
जानकारों का ऐसा कहना है कि हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार के धर्मपत्नी ने पहाड़ के नीचे अपना सारा सोना छुपाया था जो आज भी लोगों के नजर से ओझल है। जानकारी के लिए आपको बता दे आज तक इस खजाने तक कोई व्यक्ति नहीं पहुंच पाया है यह कोई सुराग हाथ लगा है।
रिपोर्ट के अनुसार पुराने समय समय से सोने की खजाने की तलाश की जा रही है लेकिन अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। इतिहास करो की माने तो हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार को आभूषण जैसे सोना चांदी का बहुत ज्यादा शौक था।
सोने की गुफा की जानकारी
सोन भंडार गुफा के अंदर प्रवेश करते ही 10 पॉइंट 4 मीटर लंबा चौड़ा और 5 फीट मीटर चौड़ा कैमरा है इस कमरे की ऊंचाई लगभग 1.5 मीटर है। इस कमरे का निर्माण रक्षा करने वाले सैनिकों के लिए किया गया था। सोने के सुरक्षा को देखते हुए कमरे का निर्माण राजा के द्वारा कराया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार आपको बता दे कि इस कमरे के ठीक बगल में खजाने का कमरा स्थित है। जो की एक चट्टान से ढाका पड़ा है। इतिहासकारो के अनुसार सोने के सारे खजाना को रानी इसी गुफा के अंदर वाले कमरे में रखती थी।
इतिहास से जुड़ा है रहस्य
बिहार के गुफा के खजाने से जुड़ी एक कहानी महाभारत काल से भी जुड़ी हुई है जिसकी चर्चा इतिहास के समय से की जाती है। वायु पुराण के अनुसार हर्यक वंश के शासन से करीब 2500 साल पहले मगध पर शिव भक्त जरासंध के पिता वृहदरथ का शासन था।
इतिहास में ऐसा कहा जाता है कि इन्होंने 100 राज्यों को पराजित करने का लक्ष्य रखा था,जिसमें से 80 से ज्यादा राजाओं को पराजित कर उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया था।