KK Pathak Retirement: बिहार के केके पाठक कब होंगे रिटायर? जानिए किन-किन पदों पर दे चुके है अपनी सेवा?

बिहार के सख्त अधिकारी केके पाठक अपने फैसलों और कार्य कुशलता के कारण हमेशा सुर्ख़ियों में बने रहते है। फिलहाल वो बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे है।
केके पाठक ने कहाँ तक की है पढाई लिखाई? (KK Pathak Qualification) इसके बारे में हम पहले ही जान चुके है। आईये जानते है कि केके पाठक (kk pathak) कब रिटायर होंगे और वे अब तक बिहार में कौन-कौन से पद पर अपनी सेवा दे चुके हैं?
बिहार के शिक्षा मंत्री से ज्यादा केके पाठक का नाम

दरअसल बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (kk pathak) लगतार चर्चा का विषय बने हुए है। आलम ये है की लोग बिहार के शिक्षा मंत्री से ज्यादा केके पाठक का नाम जानते है।
ऐसा उनके काम के कारण ही संभव हो पाया है। अक्सर पाठक जी किसी न किसी स्कूल में औचक निरीक्षण के लिए पहुंच ही जाते हैं। केके पाठक के आने की सूचना मिलते ही स्कूल के शिक्षक के साथ-साथ प्रधानाध्यापक भी अलर्ट हो जाते हैं।
केके पाठक के औचक निरीक्षण के लिए व्हाट्सएप ग्रुप
आलम यह है कि कई टीचर्स ने व्हाट्सएप ग्रुप भी बना रखा है जिससे केके पाठक के औचक निरीक्षण की जानकारी अन्य शिक्षकों को भी प्राप्त हो सके। हालांकि, केके पाठक के कड़े फैसले से बिहार की शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार देखने को भी मिल रहा है।
जहां राज्य के स्कूलों में शिक्षक हर रोज सही समय पर उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं वहीं छात्रों की भी उपस्थिति बढ़ती हुई देखने को मिल रही है। विद्यार्थियों का ड्रॉप आउट भी कम हुआ है।
KK Pathak Retirement: कब रिटायर होंगे केके पाठक?
ज्ञात हो की केके पाठक का जन्म 15 जनवरी 1968 को हुआ है उस हिसाब से वह 60 वर्ष की उम्र में रिटायर होंगे। यानी वो 15 जनवरी 2028 तक रिटायर हो सकते हैं। केके पाठक की छवि कड़क मिजाज अधिकारी के रूप में जानी जाती है। उन्होंने अपनी अधिकांश सेवाएं बिहार में ही दी है।
केके पाठक किन-किन पदों पर अपनी सेवा दे चुके है?
बता दे की केके पाठक (kk pathak) 1990 बैच के IAS अधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा उत्तर प्रदेश से की थी। उन्हें सबसे पहली पोस्टिंग 1990 में कटिहार में मिली थी।
जिसके बाद उन्होंने गिरिडीहम में एसडीओ के रूप में अपनी सेवा दी। इसके बाद उन्होंने बेगूसराय, शेखपुरा और बाढ़ में भी एसडीओ के रूप में भी सेवा दी थी।
केके पाठक पहली बार कब बने डीएम?
1996 के दौरान केके पाठक पहली बार डीएम बने थे। उन्हें गिरिडीह की कमान मिली थी। फिर लालू यादव के गृह जिले में भी उन्हें डीएम पद पर तैनाती मिली थी।
यहां से ही केके पाठक चर्चा में आए थे, दरअसल, उन्होंने यहां लालू यादव के साले साधु यादव के एमपी फंड से बने अस्पताल का उद्घाटन एक सफाईकर्मी से करवा दिया था।
गोपालगंज में केके पाठक ने इतनी सख्ती दिखाई कि आखिर में राबड़ी सरकार ने उन्हें वापस सचिवालय भेज दिया। फिर 2005 में नीतीश कुमार की सरकार बनते ही उन्हें बड़ा पद दिया गया था।
जिसके बाद केके पाठक को बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) का मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) बनाया गया।
दिल्ली से वापस बिहार लौटे केके पाठक
वर्ष 2010 में केके पाठक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए थे। फिर 2015 में महागठबंधन की सरकार बनते ही नीतीश कुमार ने उन्हें वापस बिहार बुला लिया था।
2015 में आबकारी नीति लागू करने में केके पाठक का अहम योगदान रहा। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने ही पूरी प्लानिंग बनाई थी। 2017-18 में फिर से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वे दिल्ली गए, जहां से 2021 में प्रमोशन पाकर वापस बिहार लौटे।
जून 2023 में केके पाठक (kk pathak) को मद्य निषेध विभाग से हटाकर बिहार शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया। फिलहाल वो इसी विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे है।