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Chroma Studio: जानिए आखिर क्यों हमेशा हरा होता है क्रोमा का रंग, कारण जानकर आप भी होंगे हैरान

Chroma Studio: जानिए आखिर क्यों हमेशा हरा होता है क्रोमा का रंग, कारण जानकर आप भी होंगे हैरान

Chroma Studio:फेसबुक इंस्टाग्राम और यूट्यूब शॉर्ट्स की इस डिजिटल दुनिया में हर कोई क्रिएटर बन रहा है और सभी रील बनाकर अपलोड कर रहे हैं, सोशल मीडिया के इस दौर में छोटे से लेकर बड़े क्रिएटर तक सभी अपने वीडियो बनाने के लिए क्रोमा स्टूडियो का इस्तेमाल करते हैं।

लेकिन हमने से बहुत कम लोगों को पता है कि आखिर इस पर्दे का कलर ग्रीन ही क्यों होता है तो लिए आइए इस पोस्ट में हम आपको यह बताते हैं कि आख़िर क्यों क्रोम का कलर ग्रीन होता है और इसके पीछे क्या कारण है-

सोशल मीडिया और शॉर्ट वीडियो और रील की इस दुनिया में सभी अटेंशन चाहते है और इसलिए रील बनाकर अपलोड कर रहे हैं। और इसके लिए उन्हें क्रोम स्टूडियो का इस्तेमाल करना होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की आखिर क्यों क्रोम स्टूडियो में पर्दे का रंग ग्रीन यानी हरा होता है तो, आज आप यह जान लीजिए-

क्यों क्रोमा स्टूडियो में पर्दे का रंग होता है ग्रीन

दरअसल ग्रीन कलर में किसी भी अन्य कलर के मुकाबले अपने अंदर लाइट को समाहित करने की क्षमता ज्यादा होती है, यानि की ग्रीन कलर अपने अंदर लाइट को अब्जॉर्ब कर लेता है।

और दूसरा कारण यह है कि मानव शरीर में हरा रंग नहीं पाया जाता इसलिए जब वीडियो शूट करने के बाद उसके पीछे बैकग्राउंड में विजुअल लगाने की बारी आती है तो ग्रीन कलर बेस्ट ऑप्शन माना जाता है इसलिए क्रोमा में एक ग्रीन कलर का पर्दा इस्तेमाल किया जाता है।

क्रोमा स्टूडियो कैसे करता है काम

आपको बता दें कि  क्रोमा स्टूडियो को इस्तेमाल करने के लिए बेस्ट क्रोमा कट को माना जाता है। जिसमें बैकग्राउंड में  ग्रीन कलर के पर्दे का इस्तेमाल किया जाता है। क्रोम कट एक विडिओ  एडिटिंग टूल है जिसकी मदद से विजुअल्स को छोड़कर बैकग्राउंड के कलर को आसानी से रिप्लेस कर दिया जाता है।

आपको बता दे कि यह सॉफ्टवेयर किसी भी कलर को बैकग्राउंड से रिप्लेस कर सकता है और क्योंकि ग्रीन कलर की तुलना में अन्य कलर के क्रोमा कट के दौरान में वीडियो के विजुअल पर काफी असर पड़ता है ग्रीन कलर की क्रोम स्टूडियो का इस्तेमाल करना ज्यादा अच्छा होता है।

जानिए वैज्ञानिक कारण

आपको बता दे की क्रोम का कलर ग्रीन होने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण यह है कि क्रोमा कीइंग नाम की एक तकनीक है, जिसमें किसी भी इंसान को हरे रंग के स्क्रीन के सामने खड़ा करके फिल्म शूट किया जाता है।

किसी भी हरे रंग को डिजिटल रूप से फिल्टर करना आसान होता है और बैकग्राउंड को वीडियो से रिप्लेस किया जा सकता है। और इसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल क्रोमा में होता है इसलिए बीबीसी साइंस ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा की हाई क्वालिटी वीडियो बनाने के लिए क्रोमा का कलर ग्रीन हो तो अच्छा होता है।

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