First Elephant Corridor Bihar: यहाँ बना बिहार का पहला एलिफेंट कॉरिडोर, जानिए किस कारण से मिला है ये खास टाइटल

First Elephant Corridor Bihar

First Elephant Corridor Bihar: देश में मौजूद 150 एलिफेंट कॉरिडोर में अब बिहार को भी शामिल कर लिया गया है। इसके साथ ही ये बिहार का पहला एलिफेंट कॉरिडोर भी बन गया है।

विश्व हाथी दिवस के अवसर पर इस बात की विधिवत घोषणा विगत शनिवार को केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने की है। आईये जानते है की बिहार का पहला एलिफेंट कॉरिडोर कहाँ बना है और किस कारण से ये खास टाइटल मिला है?

जमुई बना बिहार का पहला एलिफेंट कॉरिडोर

अब बिहार के पहले एलीफेंट कॉरिडोर के रूप में जमुई जिले को जाना जाएगा। मालूम हो की जमुई के वन प्रमंडल क्षेत्र की पहचान बिहार के पहले हाथी गलियारे के रूप में की गई है।

केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इसकी घोषणा करते हुए इसकी जानकारी भी दी है। इसी के साथ जमुई के जंगलों में हाथियों की मौजूदगी पर भी मुहर लग गई है।

देश भर में अभी हाथी गलियारे की संख्या 150 है, लेकिन बिहार का जमुई पहला हाथी गलियारा होगा। जमुई में वन्य प्राणी संरक्षण की दिशा में वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से जारी पहल के लिए यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

गलियारे की सांकेतिक लंबाई 46 किमी

सर्वे रिपोर्ट के अनुसार हाथियों के झुंड का आवागमन मुख्य रूप से गरही-चरकापत्थर-बटिया-मधुवा उप-बीट के बीच है। बता दे की इस गलियारे की सांकेतिक लंबाई 46 किमी की है।

यहां हाथियों की आवाजाही की स्थिति कभी-कभी होती है और इस गलियारे का उपयोग करने वाले हाथियों की कुल संख्या 9 है। इसका लक्ष्य ये है कि जंगल में हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

2021 से लगातार जारी थी प्रक्रिया

बिहार के इस खंड को पहले हाथी गलियारे के रूप में पहचाना गया है। जल्द ही हाथियों के संरक्षण और गलियारे में मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए योजना तैयार किया जाएगा। वन प्रमंडल पदाधिकारी पीयूष वर्णवाल ने कहा कि यह प्रक्रिया 2021 से लगातार जारी थी।

इस साल मई महीने में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अनिल सिंह के नेतृत्व में हुए सर्वे में भी गरही-चरका पत्थर-बटिया-मधुवा के रास्ते हाथियों के झुंड के आवागमन की पुष्टि हुई थी। हाथी गलियारा घोषित करने में उक्त रिपोर्ट को आधार माना गया है।

लगातार मिले है हाथियों के होने के संकेत

आपको बता दे की बिहार के जमुई जिले के वन क्षेत्र में लगातार हाथियों के होने के संकेत मिलते रहे हैं। ऐसी घटनाएं लगातार सामने आती हैं। जहां हाथियों के द्वारा किसी गांव पर हमला किया जाता है या हाथियों के झुंड के द्वारा कभी खेतों को तबाह कर दिया जाता है।

ऐसे में हाथियों के होने की पुष्टि ग्रामीण लगातार करते रहे हैं। पहली बार इस पर सरकारी मुहर भी लगी है और अब जमुई में हाथियों के होने की बात सामने आने के बाद या बिहार का पहला एलीफट कॉरिडोर बन गया है।

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