Supreme Court का फैसला, B.Ed वाले नहीं बनेंगे प्राथमिक शिक्षक, क्या 1.70 लाख BPSC शिक्षक भर्ती पर पड़ेगा असर जानिए

Effect Of Supreme Court Decision For B Ed Degree Holders On BPSC Teacher Recruitment

बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों की भर्ती के लिए एडमिट कार्ड जारी हो चूका है। इसी बीच भारत के सर्वोच्च न्यायालय यानि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से बीएड डिग्री धारकों के लिए एक अहम फैसला आया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि बीएड की डिग्री के आधार पर प्राथमिक शिक्षकों (Primary Teacher) की नियुक्ति नहीं हो सकेगी। ऐसे में आईये जानते है क्या BPSC शिक्षक भर्ती 2023 पर इसका असर पड़ेगा?

बीएड डिग्री धारक नहीं बन सकेंगे प्राथमिक शिक्षक

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने राजस्थान उच्च न्यायालय के खिलाफ केंद्र सरकार (Central Government) और एनसीटीई (NCTE) की अपील को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही ये भी कहा कि – “बीएड डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षक नहीं बन सकेंगे।”

इस फैसले को सुनाते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद या एनसीटीई की ओर से 30 मई 2018 को जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया है।

Supreme Court के इस फैसले का पुरे देश पर पड़ेगा असर

राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (National Council for Teacher Education) के नोटिफिकेशन के अनुसार प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बीएड की डिग्री को योग्य माना गया था। लेकिन, इसके साथ यह भी कहा गया था कि ऐसे शिक्षकों को एक ब्रिज कोर्स भी करना होगा।

जिसके बाद राजस्थान उच्च न्यायलय (Rajasthan High Court) ने इस नियम को नकार दिया था। इसके अलावा कहा था कि – “बीएड डीग्री धारक प्राथमिक शिक्षक नहीं बन सकेंगे।” इसके बाद इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बीएड डिग्री धारक प्राथमिक शिक्षक नहीं बन सकेंगे। अब इसके बाद ऐसा कहा जा रहा है कि सिर्फ राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरे देशभर में सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का असर पड़ेगा।

बिहार शिक्षक भर्ती पर इसका क्या असर होगा?

गौरतलब है कि बिहार में राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के आलोक में ही बिहार में भी बीएड डिग्री धारकों को प्राथमिक शिक्षक बनने का मौका दिया जाता है। इसके साथ यह शर्त भी निर्धारित है कि दो महीने के अंदर छह महीने का संवर्धन कोर्स किया जाए।

बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) यानि बीपीएससी की ओर से चल रही शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में भी यही नियम लागू है। जिसके अनुसार केवल डीएलएड डिग्री धारक ही प्राथमिक शिक्षक बन सकेंगे।

वहीं, बिहार में इस नए नियम का क्या असर पड़ेगा, इसे लेकर शिक्षा विभाग के पदाधिकारी ने स्थानीय मीडिया को जानकारी दी है। पदाधिकारी के अनुसार यह एनसीटीई के दिशा निर्देश पर निर्भर करता है कि बिहार शिक्षक भर्ती पर इसका क्या असर होगा?

एनसीटीई के फैसले के बाद बीपीएससी करेगा कार्रवाई

ऐसा बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब एनसीटीई का फैसला सामने आएगा। इसके आधार पर बीपीएससी की ओर से आगे की कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले बीपीएससी की ओर से कहा गया था कि – “एनसीटीई की ओर से मान्यता प्राप्त संस्थान से बीएड की डिग्री लेने वाले भी कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए योग्य माने जाएंगे। लेकिन, स्कूल में नियुक्ति के बाद अभ्यर्थियों को दो साल के अंदर 6 महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा।”

BPSC के जरिए 1 लाख 70 हजार शिक्षकों की भर्ती

जानकारी के लिए बता दें कि बिहार में बीपीएससी के जरिए 1 लाख 70 हजार शिक्षकों की भर्ती होने जा रही है। बीपीएससी शिक्षक भर्ती 2023 का एडमिट कार्ड 10 अगस्त को जारी कर दिया गया है।

24 से 26 अगस्त 2023 तक दो पालियों में बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा 2023 (BPSC Teacher Exam Schedule 2023) का आयोजन किया जाएगा। अभ्यर्थी अपना बिहार शिक्षक भर्ती का एडमिट कार्ड बीपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर डाउनलोड कर सकते हैं।

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