Bihar Coaching Institute Rules: क्या आप भी चलाते है बिहार में कोचिंग संस्थान, तो जानिए क्या है बिहार में कोचिंग के लिए नियम कानून

Bihar Coaching Institute Rules: बिहार के शिक्षा विभाग (Education Department Bihar) की तरफ से कोचिंग संस्थानों को नियमों का पालन कराने के लिए कोचिंग संस्थानों की लिस्टिंग की जा रही है। जिसके लिए जिले के विभिन्न प्रखंडों में संचालित किये जा रहे कोचिंग संस्थानों को सूचीबद्ध करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
ऐसे में अगर आप भी बिहार में कोचिंग संस्थान (Coaching Institute Bihar) का संचालन कर रहे है या फिओर करने की सोच रहे है तो ये खबर आपके काम की हो सकती है। ऐसे में आपको भी बिहार में कोचिंग संस्थानों के लिए नियम कानून (Bihar Coaching Institute Rules) के बारे में अवश्य ही जानना चाहिए।
बिहार में कोचिंग संस्थानों की बनाई गई लिस्ट
बिहार में कोचिंग संस्थानों की लिस्ट बनाई गई है, जिनको पहले सूचना भेजकर विभाग द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों की जानकारी दी जाएगी। इसके अनुसार स्कूल अवधि में कोचिंग का संचालन नहीं करने को लेकर सूचित किया जायेगा।
इसके साथ-साथ सभी कोचिंग संस्थानों को शाम 4 से रात 9 बजे तक ही पढ़ाने के निर्देश का पालन करने के लिए बाध्य किया जाएगा। ऐसे कोचिंग संसथान जो सूचना के आलोक में विभाग के आदेश का अनुपालन नहीं करेंगे उन सभी पर कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि कि सूचना देने के बाद भी विद्यालय संचालन की अवधि में यदि कोचिंग का संचालन किया जाता है। तो ऐसे में कोचिंग संस्थान को बंद करवाने के साथ ही कार्रवाई की जाएगी। जिन कोचिंग संस्थानों की सूची तैयार की गयी है उन सभी से रजिस्ट्रेशन की प्रति भी मांगी जायेगी।
क्या है बिहार में कोचिंग संस्थानों के लिए नियम कानून?
बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं और पाठ्यक्रम की तैयारी और विशिष्ट संस्थानों में प्रवेश आदि में बेहतर शैक्षणिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य के प्राइवेट कोचिंग संस्थानों के नियंत्रण और विनियमन का प्रावधान करने के लिए एक कानून बनाया गया है।

इस कानून को बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 (Bihar Coaching Institute (Control & Regulation) Act, 2010) कहा जा सकता है। आईये एक-एक करके जानते है बिहार में कोचिंग संसथान के रजिस्ट्रेशन, आवेदन, अधिकार, गतिविधियों की जांच, दंड, शिकायतों का निपटान और अपीलीय प्राधिकरण के बारे में:
कोचिंग संस्थान की स्थापना/रजिस्ट्रेशन के नियम
- पूर्व संचालित कोचिंग संस्थानों को इस अधिनियम के लागू होने के एक माह के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
- इस अधिनियम के लागू होने के बाद वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना कोई भी कोचिंग संस्थान स्थापित या चलाया नहीं जाएगा।
- रजिस्ट्रेशन की अवधि 3 वर्ष होगी।
- इस अधिनियम के लागू होने के बाद, कोई भी व्यक्ति जो कोचिंग संस्थान स्थापित करना या चलाना चाहता है, उसे निर्धारित प्रपत्र में 5,000 (पांच हजार) रुपये के पंजीकरण शुल्क के साथ जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन करना होगा।
इन जानकारियों के साथ देना होगा आवेदन
(ए) पाठ्यक्रम का निर्धारण
- विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक समर्थन के लिए पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम को पूरा करने की अवधि को स्पष्ट किया जाएगा।
- प्रत्येक पाठ्यक्रम के लिए अधिकतम छात्रों की संख्या का उल्लेख किया जाएगा।
(बी) शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता
- अध्यापन गैर-सरकारी शिक्षकों या कम से कम स्नातक योग्यता वाले सेवानिवृत्त शिक्षकों द्वारा किया जाएगा, शिक्षकों के बायोडाटा के साथ उनकी शैक्षणिक योग्यता और अनुभव का उल्लेख किया जाएगा।
(सी) ट्यूशन फीस
- कोचिंग संस्थान को एक प्रॉस्पेक्टस जारी करना होगा, जिसमें अलग-अलग पाठ्यक्रम/पाठ्यक्रम पूरा करने की अवधि और ट्यूशन फीस का उल्लेख होगा.
- पाठ्यक्रम के अंतर्गत व्याख्यान, ट्यूटोरियल, समूह चर्चा आदि की संख्या विवरणिका में अंकित करना अनिवार्य होगा।
(डी) भौतिक अवसंरचना
- कोचिंग संस्थान की मूल संरचना के भीतर, प्रत्येक छात्र के लिए न्यूनतम एक वर्ग मीटर, क्षेत्र होना चाहिए।
अन्य सुविधाएं: इसके अंतर्गत प्रत्येक कोचिंग संस्थान द्वारा निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
- पर्याप्त फर्नीचर (बेंच/डेस्क आदि)
- पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था (विद्युतीकरण)
- पीने के पानी की सुविधा
- शौचालय की सुविधा
- स्वच्छता एवं साफ-सफाई की सुविधा
- अग्निशामक यंत्र की व्यवस्था
- चिकित्सा उपचार सुविधा
- साइकिल/वाहनों की पार्किंग की सुविधा
अधिकार
(1) पंजीकरण प्रमाण पत्र आवेदन के तीस (30) दिन के अन्दर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा धारा-3 के अन्तर्गत पंजीकरण की शर्तों के आधार पर परीक्षणोपरान्त दिया जायेगा।
पंजीयन प्रमाण पत्र के लिए प्रस्तुत आवेदन अस्वीकृत होने की स्थिति में इस आशय के कारणयुक्त आदेश की प्रति आवेदक को दी जायेगी। एक पंजीकरण समिति का गठन किया जाएगा जिसमें निम्नलिखित शामिल होंगे।
- जिला मजिस्ट्रेट: अध्यक्ष
- पुलिस अधीक्षक: सदस्य
- जिला शिक्षा अधिकारी: सदस्य सचिव
- प्राचार्य (संघटक महाविद्यालय): सदस्य
(2) पंजीकरण के 3 वर्ष पूर्ण होने पर शीघ्र ही पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए कोचिंग संस्थान को निर्धारित प्रपत्र में रुपये के साथ आवेदन करना होगा. 3,000 (तीन हजार) पंजीकरण शुल्क।
कोचिंग संस्थान की गतिविधियों की जांच
जिला मजिस्ट्रेट, उप-विभागीय अधिकारी के पद से नीचे के अधिकारी द्वारा, पंजीकरण की आवश्यक पात्रता की पूर्ति और कोचिंग संस्थान की संतोषजनक गतिविधियों के संबंध में पूछताछ करवाएंगे।
दंड
(1) इस अधिनियम के तहत प्राधिकरण के पास सिविल न्यायालयों की शक्ति होगी। प्राधिकरण के पास ऐसी शक्ति होगी जो किसी भी मुकदमे पर विचार करने के लिए सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 का 5) के तहत अदालतों में निहित है।
- शपथ पत्र के माध्यम से प्रमाण सहित साक्ष्य स्वीकार करना।
- किसी भी व्यक्ति को बुलाना और उसकी उपस्थिति सुनिश्चित करना और शपथ पर उसकी जांच करना।
- अभिलेखों के उत्पादन को लागू करना।
- लागत पुरस्कार देना।
(2) इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान या इस अधिनियम के तहत जारी नियमों और अधिसूचना के उल्लंघन के मामले में, कोचिंग संस्थान निम्नानुसार दंड के लिए उत्तरदायी होगा
- रु. पहले अपराध के लिए 25,000/- रु.
- रु. 1,00,000/- दूसरे अपराध के लिए होगा।
- दूसरे अपराध के बाद कोचिंग संस्थान के खिलाफ आरोप साबित होने की स्थिति में पंजीकरण के लिए गठित समिति द्वारा कारण बताओ और सुनवाई का पर्याप्त अवसर देने के बाद पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।
शिकायतों का निपटान
छात्रों या संस्थान के कर्मचारियों द्वारा कोचिंग संस्थान के विरुद्ध तथा कोचिंग संस्थान द्वारा छात्रों के विरुद्ध अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज की जाएगी। उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में निम्नलिखित गठित समिति द्वारा 30 (तीस) दिवस के अन्दर शिकायतों का निस्तारण किया जायेगा।
- अनुविभागीय अधिकारी: अध्यक्ष
- उपविभागीय पुलिस अधिकारी/पुलिस उपाधीक्षक: सदस्य
- उपखण्ड शिक्षा अधिकारी: सदस्य सचिव
जांच के बाद समिति जुर्माना लगाने या पंजीकरण रद्द करने, जैसा भी मामला हो, के लिए पंजीकरण प्राधिकारी को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
अपीलीय प्राधिकरण
धारा 4, 5, 6 व 7 के तहत कार्रवाई के खिलाफ पीड़ित कोचिंग संस्थान 30 दिन के अंदर प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष अपील दायर करेगा। संभागीय आयुक्त अपील भरने के 45 (पैंतालीस) दिनों के भीतर अपील का निपटान करेंगे। संभागीय आयुक्त का निर्णय अंतिम होगा।
नियम बनाने और अधिसूचना जारी करने की शक्ति: सरकार, पूर्व-प्रकाशन के अधीन, इस अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के प्रयोजनों के लिए नियम और विनियम बनाएगी और अधिसूचनाएं जारी कर सकती है।
शंकाओं एवं कठिनाइयों के निवारण की शक्ति: यदि इस अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने में कोई संदेह और कठिनाइयाँ आती हैं, तो सरकार कोई भी ऐसा स्पष्टीकरण जारी करेगी जो इस अधिनियम या इसके तहत बनाए गए नियमों के प्रावधानों के तहत संदेह और कठिनाइयों को दूर करने के लिए आवश्यक समझे और अधिसूचनाएँ जारी करेगी।