Bihar में शिक्षा के क्षेत्र में की गई नई पहल, स्कूल नहीं अब ट्रेन में होती है पढ़ाई, देखकर कार्य करने वालेआप भी कहेंगे ;अरे वाह!

Bihar: बिहार का एक स्कूल इन दिनों चर्चा में है, यहां क्लास रूम के अंदर से अगर विद्यार्थी बाहर झांकते हैं तो ऐसा लगता है, मानो यात्री ट्रेन के डिब्बों से झांक रहे हो। ट्रेन सा दिखने वाला यह स्कूल बच्चों को खूब आकर्षित कर रहा है। यहां के बच्चे क्लास रूम में नहीं बल्कि ट्रेन में बैठकर पढ़ते हैं यह विद्यालय आरा की चुरामनपुर गांव में स्थित है। सच में यह बहुत ही अविश्वसनीय हैं, बिहार का एक स्कूल राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन की तरह दिखता है। आइए आपको बताते हैं क्या है पूरी खबर-
राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन की तरह दिखने वाला स्कूल
चौंकिए मत! आपने बिल्कुल सही पढ़ा है, बक्सर के चुरामनपुर गांव में उच्च माध्यमिक विद्यालय आपको राजधानी ट्रेन की तरह हुबहू दिखेगा। दरअसल विद्यालय के दो कमरों की दीवारों पर राजधानी ट्रेन की तरह पेंटिंग कराई गई है।
जिससे यहां के छात्र छात्राएं और अभिभावक आकर्षित होकर यहां खिंचे चले आते हैं , यह अद्भुत स्कूल क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है इससे विद्यालय में आने वाले बच्चों की संख्या बढ़ गई है।अब पढ़ाई के प्रति बच्चों की रुचि बढ़ने लगी है और यह शिक्षा के क्षेत्र में एक शानदार पहल है।
ट्रेडिशनल स्कूल से अलग
जहां आज भी ज्यादातर ट्रेडिशनल स्कूल दिखते हैं वहां बिल्कुल ही ट्रेडिशनल से हटकर बना स्कूल है, इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को ट्रेन में बैठने जैसा महसूस होता है और बाहर से देखने पर यह विद्यालय किसी स्टेशन पर खड़ी राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन की तरह प्रतीत होता है।
आपको बता दें कि क्लासरूम में भी ट्रेन जैसी दिखने वाली खिड़की और दरवाजे लगाए गए हैं,जहां बच्चे खुश होकर अपनी फोटो खिंचवाते हैं। इस स्कूल के प्रिंसिपल मनीष कुमार पांडे ने बताया कि शिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता और स्कूलों में बच्चों को आकर्षित करने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है जो अब सार्थक साबित होता नजर आ रहा है।
क्या है मुख्य उद्देश्य
विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि इस तरह की पेंटिंग कराने का उनका उद्देश्य बस इतना था कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ सके और स्कूल में अब बच्चों की संख्या बढ़ती हुई दिखाई दे रही है।
आसपास के कई गांव से लोग अपने बच्चों को यहां शिक्षा लेने के लिए भेज रहे हैं खास कर इस स्कूल में बच्चियों की संख्या बढ़ रही है आपको बता दें की मनीष कुमार पांडे ने बताया कि वे चाहते हैं कि जिस प्रकार राजधानी एक्सप्रेस पूरी स्पीड से चलती है उसी प्रकार बच्चे राजधानी एक्सप्रेस की तरह शिक्षा के क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़े।
इसके अलावा भी कई अद्भुत पेंटिंग और कलाकारी की गई है जहां दीवारों पर विज्ञान से जुड़ी अनेक चीजों को पिक्चर के माध्यम से दर्शाया गया है और बच्चों में विज्ञान के प्रति भी झुकाव और उत्साह बढ़ाने की कोशिश की गई है। इस तरह के अद्भुत स्कूल के कारण गांव में धमाचौकड़ी करने वाले बच्चे अब शिक्षा के मंदिर से जुड़ रहे हैं।
बाउंड्री वॉल नहीं रहने से है परेशान
आपको बता दें कि स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि चुकी इस स्कूल में अधिकतर बच्चियां पढ़ने आती हैं ऐसे में स्कूल की बाउंड्री वॉल सही होने के कारण असामाजिक तत्वों का खतरा बना रहता है और इससे उन्हें आय दिन परेशानी होती है।
आपको बताते चले की इस स्कूल को 3 लोगों के संयुक्त प्रयास से चलाया जा रहा है जिसमे एक शिक्षिका संजू कुमारी और शिक्षक अलाउद्दीन और प्रधानाचार्य मनीष कुमार पांडे शामिल है, स्कूल सुबह 9:30 से शाम 4:00 बजे तक संचालित होता है और यहां सभी प्रकार की व्यवस्थाएं जैसे टॉयलेट पीने का पानी और नल की व्यवस्था है हालांकि कमरों की कमी है और यहां ऑफिस और टीचर रूम भी उपलब्ध नहीं है।