Bihar Board News-केके पाठक में बढ़ाई छात्रों की मुसीबत, ऐसे विद्यार्थी नहीं दे पाएंगे मैट्रिक-इंटर की परीक्षा

Bihar Board News-बिहार में जब से शिक्षा विभाग की कमान केके पाठक ने संभाली है,तब से नीचे से लेकर ऊपर तक जहां भी गड़बड़ी दिख रही है वहां पर सुधार किया जा रहा है| गड़बड़ व्यवस्था को सुधारने के लिए केके पाठक का रोज नया-नया फरमान जारी कर रहे है।
केके पाठक के द्वारा जारी किए गए नए फरमान से सभी विद्यार्थियों को परेशानी बढ़ने वाली है| बिहार बोर्ड से मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा देने वाले सभी छात्र-छात्राएं और सावधान हो जाएं| शिक्षा मंत्री के इस फरमान के बाद बढ़ने वाली है सभी की मुसीबत।
बढ़ जाएगी विद्यार्थियों की परेशानी
शिक्षा मंत्री ने फरमान जारी करते हुए कहा यदि कक्षा में 75 फ़ीसदी से कम उपस्थिति है तो वैसे विद्यार्थियों को फाइनल परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा| जानकारी के लिए आपको बता दें कि यह नियम सीबीएसई ओर आईसीएसई बोर्ड में पहले से ही लागू है।
बिहार बोर्ड की ओर से जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि जिला विद्यालय निरीक्षक जिला के सभी विद्यालय के प्रधानाचार्य को स्पष्ट निर्देश दे कि इस नियम को प्रभावी तरीके से सभी स्कूल में लागू किया जाए।

75% उपस्थिति है जरूरी
बिहार बोर्ड की ओर से यह 75 फ़ीसदी उपस्थिति के नियम को परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान सख्ती से लागू करने के निर्देश के बाद सरकारी स्कूलों में काफी सुधार देखने को मिलेगा| बता दे कि अब तक बिहार बोर्ड मैट्रिक और इंटर परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए स्कूल में उपस्थिति अनिवार्य नहीं थी।
दाखिला के बाद विद्यार्थी स्कूल आए या नहीं है उन्हें किसी भी तरह का रोक-टोक नहीं था| वैसे विद्यार्थी जो कभी स्कूल पढ़ाई के लिए गए ही ना हो उन्हें डायरेक्ट परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी जाती थी| इससे पहले विद्यार्थी स्कूल का रुख केवल सेंटअप परीक्षा में करते थे|
उपस्थिति पूरी होने पर मिलेगी इन योजनाओं का लाभ:देखे लिस्ट
बोर्ड की ओर से इस नियम को लागू करने के पीछे सबसे बड़ी मकसद है बच्चों को स्कूल आने के प्रति प्रेरित करना।
जिन विद्यार्थियों का 75 फ़ीसदी उपस्थित होगा उन्हें नीचे दिए गए लिस्ट में सारे योजना का लाभ आसानी से मिलेगा।
- मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना
- मुख्यमंत्री पोशाक योजना
- मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना
- मुख्यमंत्री साइकिल योजना

निरीक्षण के दौरान खाली मिला क्लास
केके पाठक के निर्देश के बाद बिहार के सभी सरकारी स्कूल में लगातार निरीक्षण किए जा रहे हैं| सभी अधिकारियों को औचक निरीक्षण करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। ज्यादातर स्कूलों में जांच के दौरान 10वीं और 12वीं कक्षा में 10 से 15 फ़ीसदी बच्चे स्कूल में उपस्थित होकर कर रहे पढ़ाई।
सरकारी स्कूल की स्थिति आज के समय में किसी से छुपी हुई नहीं है| बिहार में शिक्षा की स्थिति जर्जर हो चुकी है| इसी को देखते हुए बिहार के नए शिक्षा मंत्री आईएस के के पाठक के तरफ से लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं|जिससे शिक्षा विभाग में सुधार देखने को मिले।