गरीबी दूर करने में बिहार टॉप पर, गरीबी दर में रिकॉर्ड कमी; देखिए नीति आयोग के ताजा सूचकांक में बिहार का रैंक

Bihar Poverty Index: बिहार के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, बिहार में करोड़ों लोग गरीबी की सीमा से बाहर आए हैं। नीति आयोग (NITI Aayog ) के ताजा रिपोर्ट में बिहार ने एक नया रिकॉर्ड दर्ज कर दिया है।
नीति आयोग द्वारा जारी गरीबी सूचकांक में बिहार सबसे आगे है, और बिहार में सबसे अधिक लोग गरीबी से बाहर निकले है। बिहार सरकार में योजना विकास मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि बिहार सरकार ने अपने दम पर और संसाधनों से यह कर दिखाया है।
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बिहार का गरीबी दर 18.13% घटा
पूरे भारत में 13.51 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं जिसमें सिर्फ बिहार में 2.25 करोड़ लोग शामिल हैं, मतलब पूरे देश में गरीबी रेखा से बाहर आने वाले लोगों में सिर्फ बिहार से ही 16.65% लोग शामिल है।
नीति आयोग ने 17 जुलाई 2023 को गरीबी सूचकांक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार 2015-16 में बिहार में गरीबी का प्रतिशत 51.89% था जो घटकर 33.76 प्रतिशत हो गया है, बिहार राज्य में 18.13% गरीबी कम हुई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में घटी गरीबी
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में 2015-16 में 56.89% गरीबी थी जो 2019-21 में 36.95% हो गई है, आपको बता दे कि नीति आयोग द्वारा जारी गरीबी की गणना के लिए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों को देखा गया है जिसके मुताबिक बिहार में रिकॉर्ड गरीबी दर्ज की गई।
परोसी छूट गए पीछे
बिहार पड़ोसी राज्य इस उपलब्धि में बिहार से काफी पीछे छूट गए हैं, बिहार से अलग होकर बने झारखंड की गरीबी में 13.29 प्रतिशत की कमी आई है। बिहार का एक अन्य पड़ोसी बंगाल है। उसने गरीबी में 9.41 की कमी दर्ज कराई है।
आकलन का आधार
बहुआयामी गरीबी सूचकांक के लिए नीति आयोग ने तीन आयामों (स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर) के 12 मानकों पर राज्यों का आकलन किया था, उनमें से दस मानकों पर कमतर स्थिति वाले राज्य गरीबी उन्मूलन में फिसड्डी बताए गए।
राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 और राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 की रिपोर्ट के आधार पर इन मानकों का आकलन किया।
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