बिहार के सरकारी स्कूल ने 30 फरवरी कर दिया छात्र का डेट ऑफ बर्थ, मचा बवाल; जानिए कहा का है यह मामला?

Enrollment done on a date that does not appear in the calendar

Bihar News: बिहार का जमुई जिला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। शिक्षा विभाग के एक कारनामे ने सभी लोग को हैरान कर दिया है, दरअसल एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने छात्र के सीएलसी में जन्मतिथि के जो तारीख अंकित कि वह कैलेंडर में खोजने पर भी नहीं मिल रही है।

मामला सुनकर आप भी चौंक गए होंगे कि आखिर ऐसे कैसे हो सकता है ? आइए आपको खबर विस्तार से बताते हैं। मामला है जमुई जिले के मध्य विद्यालय बाजपेयडीह की, स्कूल में पढ़ रहा एक विद्यार्थी ने अपने आगे की पढ़ाई के लिए स्कूल से टीसी निकलवाने के लिए प्रधानाध्यापक के पास पहुंचा।

Enrollment done on a date that does not appear in the calendar

30 फरवरी डेट टीसी में अंकित

सीएलसी बनाने के क्रम में छात्र के जन्मतिथि दर्ज की गई 30 फरवरी और इस तरह के कारनामों का अंजाम दिया है। उसके बाद फिर क्या था जिसने भी सीएलपी को देखा वह प्रिंसिपल के काबिलियत पर सवाल उठाने लगे ।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के वजह से बिहार में लगातार शिक्षा विभाग को बेहतर करने की कोशिश की जा रही है लेकिन इसी बीच एक चौका देने वाली खबर सामने आई है।

नहीं हो पाया विद्यार्थी का एडमिशन

आठवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद राजेश यादव के पुत्र अमन कुमार का ट्रांसफर सर्टिफिकेट प्रधानाध्यापक के द्वारा बनाया गया। जिसमें उसके जन्म की तारीख 30 फरवरी 2009 लिखी गई है, ट्रांसफर सर्टिफिकेट पर गलत तारीख अंकित होने के बाद अमन कुमार का नौवीं कक्षा में एडमिशन नहीं हो पाया।

क्या कहते हैं अधिकारी

इस मामला के सुर्खियों में आने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी कपिल देव तिवारी ने कहा मामले की जानकारी मिली है किसी ने व्हाट्सएप के जरिए वह प्रमाण पत्र उन तक पहुंचाया गया है।

उन्होंने कहा इस मामले में विद्यालय प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण की मांग की गई है, उनके द्वारा स्पष्टीकरण दिए जाने के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी। बच्चे के नौवीं में एडमिशन ना होने के संबंध में कहा कि जांच के बाद सही तरीके से प्रमाण पत्र बनाकर एडमिशन सुनिश्चित करा दिया जाएगा।

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सुर्खियों में आई शिक्षा विभाग

शिक्षा विभाग अक्सर किसी न किसी कारण को लेकर सुर्खियों में रहता है। टीसी बनाने के लिए उन्होंने एक ऐसी तारीख चुनी जो कैलेंडर में है ही नहीं, गौरतलब है कि फरवरी माह 28 या 29 दिन के होते हैं लेकिन इस बच्चे के ट्रांसफर सर्टिफिकेट पर उसके जन्म तिथि की तारीख 30 फरवरी अंकित की गई हैं।

अब देखना है कि शिक्षा विभाग इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करती है। यदि इस खबर से आपको लगा कि सही जानकारी आप तक पहुंची तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ व्हाट्सएप में साझा जरूर करें।