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Bihar Teacher News: शिक्षक भर्ती के लिए BDO पुत्र समेत UP के इतने लोगों के आवेदन निरस्त, जानिए वजह

Applications of many people of UP canceled for teacher recruitment

बिहार में शिक्षकों के 1.70 लाख पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया अभी भी जारी है। लेकिन इसी बीच एक तजा अपडेट सामने आ रही है। दरअसल शिक्षक भर्ती में आरक्षण का लाभ लेने को फर्जी तरीके से जाति व आवासीय प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए दिए गए उत्तर प्रदेश के कई लोगों के आवेदन को निरस्त कर दिया गया है।

इसमें राघोपुर में पदस्थापित BDO रघुवर प्रसाद के पुत्रों आलोक प्रियदर्शी व अशोक प्रियदर्शी के भी आवेदन शामिल हैं। बीडीओ ने पिपरासी प्रखंड में पूर्व में पदस्थापना के दौरान डुमरी भगड़वा पंचायत में घर बनवाया था।

दरअसल बिहार में होने वाली शिक्षक बहाली में आरक्षण का लाभ लेने के लिए सीमावर्ती यूपी के खड्डा, नेबुआ नौरंगिया, विशुनपुरवा, पडरौना, दुदही, कप्तानगंज, रामकोला आदि प्रखंड व नगर पंचायत के लोग जाति, आवास प्रमाणपत्र के लिए रिश्तेदारों के सहयोग से आवेदन जमा कर रहे हैं।

आवेदनों की गहनता से जांच कर ही दें रिपोर्ट

ऐसे में कई लोगों ने आवासीय प्रमाणपत्र बनवाने के लिए जमीन खरीदकर झोपड़ी भी बनवा ली है। इसको दिखाकर ऐसे लोग प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए सीओ ललित कुमार सिंह ने सभी हल्का कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे आवेदनों की गहनता से जांच कर ही रिपोर्ट दें।

यूपी के लोग मिलने पर उनके आवेदनों को तुरंत निरस्त कर दें। सीओ ने बन चुके प्रमाणपत्रों को भी निरस्त करने का आदेश दे दिया है। हल्का कर्मचारियों की जांच में यूपी के अभ्यर्थियों में ज्यादातर सेमरा लबेदहा, मंझरिया, डुमरी मुड़ाडीह, डुमरी भगड़वा पंचायत के लोगों के आवेदन मिल रहे हैं। पिपरासी व सौराहा पंचायत में भी छिटफुट आवेदन जमा हुए हैं।

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UP के इतने लोगों के आवेदन निरस्त

आपको बता दे की प्रखंड के आरटीपीएस काउंटर पर जाति व आवास प्रमाणपत्र बनवाने के लिए कुल 500 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जांच के दौरान 300 आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है। शेष दो सौ आवेदनों की जांच कराई जा रही है। सीओ ने बताया कि किसी भी कीमत पर बाहरी लोगों का प्रमाणपत्र नहीं बनेगा।

सीओ ललित कुमार सिंह, ने कहा कि UP के लोगों के दिये गये आवेदन निरस्त किये गये हैं। हल्का कर्मचारियों को जांच करने के बाद ही रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। साक्ष्य छुपा कर प्रमाणपत्र बनवाने वाले यूपी के लोगों के प्रमाणपत्र जांच कर निरस्त किये जाएंगे।

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