बिहार के लाल का कमाल, बना दिया पैडल से चलने वाला ट्रैक्टर, पेट्रोल डीजल की होगी बचत, जाने खासियत

bihar youth made pedal driven tractor from junk

आपने अक्सर सुना होगा प्रतिभा पहचान की मोहताज नहीं होती। कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है बिहार के इस लाल ने। दरअसल बिहार के पश्चिम चम्पारण के एक छोटे से गांव में प्रतिकूल परिस्थिति में रहने के बावजूद एक युवक ने कबाड़ से ट्रैक्टर बना डाला।

खास बात ये कि यह डीजल से नहीं बल्कि पैडल से चलता है। आईये जानते है इस युवक के संघर्षों और उसके नायब आविष्कार की कहानी और पैडल से चलने वाले इस ट्रैक्टर की खासियत के बारे में।

मानव ऊर्जा से चलने वाला ट्रैक्टर

पश्चिम चम्पारण के नौतन प्रखंड के अंतर्गत आने वाले धुसवां गांव के रहने वाले संजीत (28) ने घर में पड़े कबाड़ से केवल 30 दिनों में छोटे ट्रैक्टर के आकार का वाहन तैयार किया है। संजीत ने इसका नाम मानव ऊर्जा से चलने वाला ट्रैक्टर रखा है।

इस ट्रैक्टर की खास बात ये है कि इसे चलाने के लिए पेट्रोल और डीजल की जरूरत नहीं पड़ती। इसमें साइकिल की तरह दो पैडल लगे हुए हैं, जिसे घुमाने पर यह ट्रैक्टर आगे बढ़ेगा।

कैसे काम करते है पैडल से चलने वाला ट्रैक्टर?

संजीत बताते है कि इस ट्रैक्टर में उन्होंने 5000 एमएएच पावर की एक चार्जेबल बैटरी भी लगाई है, जिससे ट्रैक्टर में लगे एलईडी बल्ब काम करते हैं।

Bihars Sanjit made a pedal-powered tractor
बिहार के संजीत ने बनाया पैडल से चलने वाला ट्रैक्टर

जब ट्रैक्टर के पैडल को चलाया जाएगा, तब इसमें लगा डायनेमो मानव ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलेगा, जिससे बैटरी चार्ज होती रहेगी। उन्होंने बताया कि अब लोग दूर-दूर से इस ट्रैक्टर को देखने के लिए आ रहे हैं और उन्हें ये पसंद भी आ रहा है।

इंडिया इंटरनेशनल विज्ञान प्रदर्शनी में भी हुए शामिल

संजीत के मुताबिक उनके इस आविष्कार को 2022 में गोवा में लगे इंडिया इंटरनेशनल विज्ञान प्रदर्शनी में भी शामिल किया गया था। और पूरे बिहार से संजीत एकमात्र ऐसे युवा थे, जिनके आविष्कार को उस प्रदर्शनी के लिए चुना गया था।  वहां मौजूद सभी अधिकारियों ने संजीत के इस अविष्कार की सराहना की तथा उन्हें पुरस्कृत भी किया।

कैसे करना है इस्तेमाल?

संजीत ने आगे बताया कि – “इस मानव ऊर्जा चलित ट्रैक्टर को एकदम साइकिल की तरह इस्तेमाल करना है, जिससे इसमें लगे यंत्र आसानी से मिट्टी को ढाई से 3 इंच तक जोत सकते हैं।”

आपको बता दे कि इसे चलाने में विशेष ताकत की जरूरत नहीं पड़ती है, जितनी शक्ति आपको एक साइकिल चलाने के लगती है, ठीक उतनी ताकत ही आपको यहां भी लगानी होगी।

संजीत ने दावा किया कि फावड़े से खेत जोतने या पशुओं से खेत जुतवाने की तुलना में इस ट्रैक्टर से खेत जोतना, कई गुणा आसान तथा ऊर्जा की बचत करने वाला है। बकौल संजीत वास्तविक ट्रैक्टर से भी खेती के लिए दो से ढाई इंच तक ही जुताई करनी होती है।

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क्या है इसकी खासियत?

संजीत ने बताते है कि उनका यह ट्रैक्टर वैसी जगहों पर जुताई के लिए बेहतर साबित होगा जहाँ बड़े ट्रैक्टर नहीं जा पाते। खासकर छोटे आकार के खेत या घर के अंदर लगाए गए कोले में इससे आसानी से जुताई की जा सकती है।

बात करे इस ट्रैक्टर की रफ्तार की तो ये 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसे आसानी से कहीं भी ले जा सकते हैं तथा खेत जोत सकते हैं। इसके अलावे आप इससे 600 किलो तक का वजन भी ढो सकते हैं।

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