बिहार के कांटी और बरौनी थर्मल पावर स्टेशन को क्यों बंद कर रही है राज्य सरकार? ये है वजह

बाढ़ और नवीनगर में मेगा थर्मल प्लांट निर्माण के बाद बिहार सरकार ने छोटे पावर स्टेशनों को बंद करने का फैसला लिया है, सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर मुजफ्फरपुर और बरौनी स्थित बिजली संयंत्र पर होगा। मालूम हो कि कांटी की दोनों इकाईयों से बिहार को 220 मेगावाट बिजली मिल रही थी, जिसे इसी महीने से बंद कर दिया गया है। वहीं बरौनी में भी 110 मेगावाट की दो इकाई से बिजली कंपनी जल्द ही बिजली लेने के करार को समाप्त करने वाली है।

बता दे कि केंद्र सरकार ने राज्यों को पत्र लिखकर कहा था कि वह किसी भी बिजलीघर से बिजली लेने के करार को समाप्त करने के लिए स्वतंत्र हैं, इसके बाद बिहार की बिजली कंपनी ने विद्युत विनियामक आयोग में एक याचिका दायक की, जिसे स्वीकार कर लिया गया।

ऐसे में अब बिहार के मुजफ्फरपुर के कांटी बिजलीघर की दो इकाई से बिजली लेना बंद कर दिया गया है साथ ही बेगूसराय के बरौनी की भी दो पुरानी इकाई से बिजली लेने के करार को खत्म करने की तैयारी शुरू हो गई है।

बंद होने की क्या है वजह

थर्मल प्लांटों को बंद करने के पीछे उत्पादन लागत अधिक होना बताया जा रहा है तो दूसरी तरफ पर्यावरण की नजर से भी इसका 25 साल से अधिक पुराना होना भी बंद का कारण है। नीतीश सरकार के आने के बाद इन दोनों बिजली संयंत्रों की मरम्मत की गई थी लेकिन बिजली उत्पादन में सुधार नहीं हो सका।