Asha Malviya: साइकिल से 25 हजार किलोमीटर की यात्रा, 21 राज्य का सफर करने के बाद एथलीट आशा मालवीय पहुंची बिहार

Asha Malviya-साईकिल से भारत यात्रा पर निकली महिला एथलीट आशा मालवीय दानापुर कैंट पहुंच चुकी है| आशा राष्ट्रीय स्तर पर माउंटेनियर है जिन्होंने साइकिल पर अकेले यात्रा शुरू की है और उनका लक्ष्य है भारत में रहने वाली सभी महिलाओं को एक अच्छा संदेश देना।
पिछले साल शुरू किया था सफर
24 साल की महिला एथलीट आशा मालवीय यह साबित करने के मिशन पर निकली है कि भारत एक ऐसा देश है जो महिलाओं के लिए अकेले यात्रा करने के लिए सुरक्षित है। बता दे 1 नवंबर 2022 को एमपी के राजगढ़ से आसान है, साइकिल यात्रा शुरुआत की थी आशा अभी तक 22 राज्यों की यात्रा कर चुके हैं जबकि उनका लक्ष्य 28 राज्यों को कवर करते हुए 25000 किलोमीटर की सवारी करना है और इस साल 15 अगस्त को अपनी साइकिल यात्रा दिल्ली में समाप्त करने का लक्ष्य है।
क्या कहती हैं आशा मालवीय
भारत यात्रा पर निकली आशा अपनी यात्रा के बारे में बताती हैं ” मेरी इस यात्रा का उद्देश्य महिला सुरक्षा महिला सशक्तिकरण और कहीं ना कहीं मेरे दिमाग में या विचार था आज हमारे भारत देश की महिलाएं खुद भारत में रहते हुए सोचते हैं कि हमें डर लग रहा है हम सुरक्षित नहीं हैं दो सुरक्षा के दृष्टिकोण में ध्यान रखते हुए पूरे भारत देश के महिला को संदेश देना चाहती हूं कि हमारा भारत देश बहुत सुरक्षित देश है यहां महिलाओं की सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है।”
कौन है आशा मालवीय
बता दे भारतीय एथलीट आशा मालवीय मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले से ताल्लुक रखती हैं उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत भी राजगढ़ से ही की थी। नाता राम गांव की रहने वाली 24 वर्षीय मालवीय ने तब से एक लंबा सफर तय किया है जबसे उन्होंने अपने जीवन में कुछ करने का सपना देखा था माउंटेनियर के रूप में मालवीय ने कई चोटिया पर चढ़ाई की आशा ने नेपाल भूटान बांग्लादेश सीमा पर 20500 फीट की ऊंची चोटी पर भारतीय ध्वज फहराया है।
आशा अपने हौसले की उड़ान का पूरा क्रेडिट अपने मां को देते हैं। आशा की यात्रा महिलाओं की सुरक्षा के दिशा में काम करने और महिलाओं को उनके आसपास के विभिन्न अवसरों के बारे में अवगत कराने उन शिक्षित कराने को लेकर है आने वाले समय में अपने सभी चुनौतियों पर काबू पाकर अपना नाम दुनियाभर में रोशन करना चाहती है।
यह सफर आसान नहीं
साइकिल से 25000 किलोमीटर की दूरी कोई आम बात नहीं है यह हर कोई नहीं कर सकता आता के इस हौसले को नेक्स्ट बिहार सलाम करता है, और बिहार की बेटियों को इनसे प्रेरणा और हौसला लेने की अपील करता है।