Bihar Jardalu Mango: केंद्र और राज्य की खींचतान में सड़ गए जर्दालु आम, लोग बोले – ‘ममता बनर्जी से सीखे नितीश कुमार’

बिहार के प्रसिद्ध जीआई टैग वाले जर्दालू आम (Bhagalpur Jardalu Mango) इस बार देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को नहीं मिल सकेंगे। ऐसा बिहार और केंद्र सरकार के बीच सियासी टकराव के चलते हो रहा है।
पहले इस बात की पूरी तैयारी की जा चुकी थी कि भागलपुरी जर्दालू आम केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे। जानकारी के मुताबिक, जर्दालू आम के लगभग 2500 पैकेट तैयार करने के लिए कहा भी गया और तैयारी भी पूरी हो चुकी थी।
हालांकि, केंद्र और राज्य के बीच राजनीतिक टकराव में ये आम दिल्ली नहीं भेजे जा सके। अब स्थिति ऐसी हो गई है कि अब ये आम सड़ने लगे हैं। जिससे आम का उत्पादन करने वाले किसान हताश हैं।
लोग बोले – ‘ममता बनर्जी से सीखे नितीश कुमार’
वहीं इस पूरे घटनाक्रम को लेकर ये भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की तरह बड़ा दिल दिखाना चाहिए। पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच भी सियासी टकराव के सामने सामने आते रहे हैं।

इसके बावजूद ममता बनर्जी हर साल पीएम मोदी और केंद्र को बंगाल के प्रसिद्ध मालदा का लंगड़ा और लक्ष्मणभोग आम उन्हें भेजती रही हैं। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से अलग ममता ने इस बार भी ये कदम उठाया।
आम भेजने का प्लान कैंसिल
अशोक चौधरी ने टीओआई से बात करते हुए कहा कि – “भागलपुर में स्थानीय जिला कृषि अधिकारी और बागवानी अधिकारी ने मुझे जर्दालु आम के 2500 पैकेट तैयार करने के लिए कहा था। उन्होंने ये भी कहा था कि 3 जून को विक्रमशिला एक्सप्रेस से ये आम दिल्ली भेजा जाएगा।”
मैंने 70 मजदूरों के सहयोग से इन आमों को पैक कराया। जब मुझे इसे बंद करने के लिए कहा गया तो लगभग 1,200 पैकेट पहले ही तैयार हो चुके थे। अधिकारी ने बताया कि ऊपर से आदेश आया है कि आम भेजने का प्लान कैंसिल कर दिया गया है।
और पढ़े: बिहार के 12 लाख किसानों पर संकट के बादल, अगले 2 दिन में यह नहीं किया तो नहीं आएगी 14वीं किस्त
2007 से ही दिल्ली भेजे जाते है जर्दालु आम
वही बिहार के मैंगोमैन और मधुबन नर्सरी के किसान अशोक चौधरी बताते हैं कि जर्दालू आम 2007 से ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों को जाता है।
उनके यहां के जर्दालू आम अपने आप में काफी खास होते हैं। इस कारण प्रत्येक वर्ष इस बगीचे से जर्दालू आम की सौगात कृषि विभाग की ओर से दिल्ली और पटना के विशिष्ट लोगों को भेजी जाती है। हर साल विक्रमशिला से कृषि विभाग के दो पदाधिकारी आम लेकर दिल्ली जाते हैं।
2007 से ही जर्दालू आम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों को जाता है। उनके यहां के जर्दालू आम अपने आप में काफी खास होते हैं। इस कारण प्रत्येक वर्ष इस बगीचे से जर्दालू आम की सौगात कृषि विभाग की ओर से दिल्ली और पटना के विशिष्ट लोगों को भेजी जाती है। – अशोक चौधरी, मैंगोमैन
आम की पेटियां थी तैयार और फिर एक फैसले बदला प्लान
अशोक चौधरी के मुताबिक, उन्होंने स्थानीय बाजार से लगभग 12-13 लाख रुपये मूल्य के 250 क्विंटल अच्छी क्वालिटी के आम खरीदे थे, ताकि उनमें से अच्छे आमों को चुनकर दिल्ली भेजा जा सके।
अब सरकार का आदेश आने के बाद हमने जर्दालू आम को खराब नहीं हो इसलिए आधी कीमत में बेचने का फैसला लिया। हालांकि, अभी आधे ही आम बिक सके हैं। वहीं बड़ी मात्रा में आम सड़ गए और उन्हें फेंकना पड़ा या जानवरों को खिलाना पड़ा।
भागलपुर के मैंगो मैन अशोक चौधरी ने कहा कि एक ओर इन जर्दालू आम के उचित रेट नहीं मिले। इसके साथ ही 15 साल से चली आ रही परंपरा को एक झटके में समाप्त कर दिया गया।
और पढ़े: बिहार का ये किसान सालों भर उपजाता है गोभी, देसी तरीके से कमा रहे अच्छा मुनाफा, आप भी जानिए