NIRF Ranking 2023: Top 100 में बिहार की एक भी यूनिवर्सिटी नहीं, ये है शिक्षण संस्थानों का हाल

NIRF Ranking 2023 Bihar

NIRF Ranking 2023 Bihar: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग के लिए जारी होने वाली रैंकिंग NIRF Ranking 2023 जारी कर दिया गया है। इसके अनुसार आईआईटी मद्रास देश का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय है। लेकिन इसमें बिहार की एक भी यूनिवर्सिटी टॉप-100 की लिस्ट में शामिल नहीं हैं।

500 करोड़ से ज्यादा का बजट वाला पटना यूनिवर्सिटी भी टॉप-100 की यूनिवर्सिटी में शामिल नहीं हो पाया है। रैंकिंग में बिहार के केवल केंद्रीय संस्थान ही जगह बनाने में सफल हो पाए हैं।

क्या होता है NIRF Ranking?

NIRF का फुल फॉर्म है – नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क। NIRF रैंकिंग की शुरुआत 2015 में हुई थी। इस साल NIRF का 8वां संस्करण है। हर साल भारत सरकार की शिक्षा मंत्रालय की तरफ से यह रैंकिंग जारी की जाती है। इसमें भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों, कॉलेजों की लिस्ट जारी की जाती है।

यह लिस्ट अलग-अलग कैटेगरी और सब्जेक्ट्स के आधार पर भी विभाजित होती है, जैसे- इंजीनियरिंग, मेडिकल, फार्मेसी, लॉ, मैनेजमेंट आदि।

इन कैटेगरी में जारी हुई NIRF रैंकिंग 2023

कुल 11 कैटेगरी के लिए NIRF 2023 की रैंकिंग जारी की गई है। जो इस प्रकार हैं- ओवरऑल, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, मेडिकल, आर्किटेक्चर, लॉ, डेंटल और रिसर्च एंड इनोवेशन।

इंजीनियरिंग कॉलेज में IIT पटना को 41वां स्थान

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी NIRF की रैंकिंग में IIT पटना इस बार ओवरऑल रैंकिंग में 7 अंक लुढ़क कर 66वें स्थान पर चला गया है। पिछले साल ये 59वें स्थान पर था। वहीं इंजीनियरिंग की कैटेगरी में IIT पटना खिसक कर 41वें स्थान पर पहुंच गया है, जो पिछले साल 33वें स्थान पर था।

जबकि इस श्रेणी में एनआईटी पटना भी टॉप-100 में जगह बनाने में कामयाब रहा है। NIT पटना को 56वां स्थान मिला है, जो पिछले साल से बेहतर है। इंजीनियरिंग कैटेगरी में NIT को पिछले साल 63वां रैंक मिला था। वहीं आर्किटेक्ट की कैटेगरी में NIT पटना को 19वां स्थान मिला है।

NIRF Ranking 2023 Bihar

वहीँ बिहार के अन्य संस्थानों के कैटेगरी में मैनेजमेंट की कैटेगरी में IIM बोधगया अंडर 100 में जगह बनाने में कामयाब रहा है। 51.28 अंक के साथ IIM बोधगया 53वें स्थान पर रहा है। पिछले साल की तुलना में कॉलेज ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। 2022 में कॉलेज को 45.82 अंकों के साथ 7वां स्थान प्राप्त हुआ था।

वहीं बात करें अन्य रैंकिग की तो फार्मेसी की कैटेगरी में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्माश्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, हाजीपुर को 44वां स्थान मिला है।

वहीं एग्रीकल्चर की श्रेणी में डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, समस्तीपुर को 33वां रैंक मिला है। मेडिकल में एम्स पटना को 27वां स्थान मिला है।

बजटीय रााशि भी खर्च नहीं कर पाते बिहार के विश्वविद्यालय

वहीँ पिछले 5 वर्षों में बिहार के सभी परंपरागत विश्वविद्यालयों की आधारभूत संरचना और दूसरी सुविधाओं के लिए दी गगई बजटीय रााशि 3293.83 करोड़ रुपए दी गई थी। यूनिवर्सिटी को यह राशि बिहार सरकार, यूजीसी और बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की तरफ से मुहैया कराई गई थी।

लेकिन बिहार के विश्वविद्यालयों की तरफ से इस राशि को खर्च नहीं किया जा सका। आखिर में उन्हें सरेंडर करना पड़ा। 2017-2022 तक सभी पारंपरिक विश्विद्यालयों को 17835.08 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया।

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बिहार की यूनिवर्सिटी

  1. पटना विवि, पटना
  2. आर्यभट्ट विवि, पटना
  3. सीएनएलयू, पटना
  4. पाटलिपुत्र विवि, पटना
  5. अरबी-फारसी विवि,पटना
  6. टीएमयू, भागलपुर
  7. बीआरए बिहार विवि, मुजफ्फरपुर
  8. जेपीयू, छपरा
  9. एलएनएमयू, दरभंगा
  10. संस्कृत विवि, दरभंगा
  11. एनओयू, पटना
  12. वीकेएसयू, आरा
  13. बीएनएमयू, मधेपुरा
  14. मगध विवि, गया
  15. पूर्णिया विवि, पूर्णिया

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