बिहार के लाल का अमेरिका में कमाल मिली 4 करोड़ की स्कॉलरशिप , जिन्हें कहा जाता है 21वीं सदी के विवेकानंद : देखे Photos

बिहार के छात्रों का देश की अलग-अलग यूनिवर्सिटी में डंका बजने का सिलसिला अब विदेशों तक पहुंच गया है। इस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं और इसी बीच वहां बिहार के साधारण परिवार से आने वाले एक छात्र ने अपना नाम किया है।

bihar ke student shrad sagar Harvard University me student union president bane बिहार के लाल का अमेरिका में कमाल, हार्वर्ड के छात्र संघ अध्यक्ष बन शरद सागर ने रचा इतिहास

अमेरिका के हार्वर्ड यूनिर्वसिटी में बिहार के छात्र शरद सागर को हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन का छात्र संघ अध्यक्ष चुना गया है। शरद सागर के पक्ष में 50 देशों के 1,200 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने वोट किया है। बिहार के लाल ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में 9 प्रत्याशियों का हराया है।

Success Story : हाई स्कूल के हेड बॉय से हार्वर्ड के छात्र नेता तक, पटना के लड़के ने कैसे तय किया कामयाबी का सफर - success story from high school head boy

शरद विवेक सागर ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, ’50+ देशों से 1200+ छात्र, 9 असाधारण उम्मीदवार, 1 चुनाव, आज मैं हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन में छात्र संघ के अगले अध्यक्ष चुने जाने पर बहुत ही प्रसन्न हूं। हार्वर्ड से बेहद दूर जन्म लेने वाले मेरे जैसे छात्र के लिए यह असंभव जैसा है, लेकिन हार्वर्ड के छात्रों की ओर से यह जिम्मेदारी दिए जाने पर आभारी हूं। अध्यक्ष के रूप में मैं हार्वर्ड में एक ऐसे नेतृत्व की नींव रखना चाहता हूं जो छात्रों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला पाए।’

bihar ke student shrad sagar Harvard University me student union president bane बिहार के लाल का अमेरिका में कमाल, हार्वर्ड के छात्र संघ अध्यक्ष बन शरद सागर ने रचा इतिहास

बिहार के एक छोटे से कस्बे में जन्मे शरद विवेक सागर 12 वर्ष की उम्र में स्कूल गए और 16 वर्ष की आयु में उन्होंने राष्ट्रीय संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल की स्थापना की। आपने अक्सर 16 वर्ष के बच्चों को मैगजीन पढ़ते और खेलते देखा होगा

bihar ke student shrad sagar Harvard University me student union president bane बिहार के लाल का अमेरिका में कमाल, हार्वर्ड के छात्र संघ अध्यक्ष बन शरद सागर ने रचा इतिहास

लेकिन शरद ने 16 साल की उम्र में भारत और दक्षिण एशिया के अन्य हिस्सों में सालाना 1.2 मिलियन से अधिक बच्चों को प्रभावित करने वाले शैक्षिक प्लेटफार्मों की स्थापना की।

Success Story: जानें कौन हैं शरद सागर जिन्हें कहा जाता था 21वीं सदी के विवेकानंद, मिली थी 4 करोड़ की स्कॉलरशिप - success story know who is sharad sagar who was considered

जब सागर 24 वर्ष के हुए तो उनका नाम ग्लोबल फोर्ब्स अंडर 30 लिस्ट में शामिल हो गया और साथ ही फोर्ब्स की अंडर 30 लिस्ट में शामिल होने वाले प्रथम बिहारी के रूप में उभरे। विवेक सागर एक इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता प्राप्त सामाजिक उद्यमी और बिहार के एक व्यापक रूप से अनुसरण किए जाने वाले युवा के प्रतीक हैं। शिक्षा और लीडरशिप के क्षेत्र में सागर के काम को वैश्विक मान्यता मिली है। बड़ौदा में विवेकानंद स्मारक में उनके भाषण के बाद, उन्हें ’21 वीं सदी के विवेकानंद’ के रूप में भी जाना जाने लगा।