जाने बिहार को: हिसुआ में बन रही भगवान बुद्ध की 108 फीट ऊंची मूर्ति, दुनिया भर से देखने आएंगे लोग

बिहार के दो सबसे प्रमुख बौद्ध मठों राजगीर और गया को जोड़ने वाला हिसुआ भी बहुत जल्द विदेशी सैलानियों को अपनी ओर खींचेगा, जी हाँ आपने सही सुना। बिहार के नवादा जिला में भगवान बुद्ध की स्पर्श मुद्रा में एक मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है जो आने वाली कुछ सालों में एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में उभर का सामने आएगा।

भगवान बुद्ध की सबसे ऊंची मूर्ति

आपको बता दे कि नवादा जिले के हिसुआ-गया पथ पर बैजनाथपुर रेलवे गुमटी के समीप कमल के फूल के ऊपर 108 फीट ऊँची भगवान बुद्ध की भूमि स्पर्श मुद्रा में बैठी हुई मूर्ति निर्माण कराया जा रहा है जो भारत की सबसे बड़ी मूर्ति होगी। फिलहाल यह मूर्ति अर्धनिर्मित ही है लेकिन बहुत ही जल्द हिसुआ स्थित यह मंदिर विश्व में अपनी पहचान बनाएगा। चूँकि यह मूर्ति गया और राजगीर के मुख्य मार्ग पर ही स्थित है ऐसे में मंदिर का निर्माण कार्य जारी होने के बावजूद भी सैकड़ों विदेशी प्रतिदिन यहां पहुंच रहे हैं।

बैठे होंगे भगवन बुद्ध 

गया के ही दीपक कुमार गौड़ इस मूर्ति को बना रहे हैं जो की वट थाई नालंदा फाउंडेशन की देख रेख में हो रहा है, चुनार के पिंक व रेड सैंडस्टोन से इस मूर्ति का निर्माण हो रहा है। यह मूर्ति भूमि स्पर्श मुद्रा में ध्यान रूप में होगी। अपने ज्ञान का साक्षी पृथ्वी को मानते हुए भूमि का स्पर्श करते हुए बुद्ध की बैठी मूर्ति होगी। भगवान बुद्ध की आंखों को बंद दिखाया जाएगा। उन्हें वज्रासन पर बैठे दिखाया जाएगा।

दक्षिण दिशा में कैथिर का पहाड़

इस तीर्थस्थल के दक्षिण दिशा में कैथिर का पहाड़ है और इसी पहाड़ी के ऊपर एक बाघ का गुफा है जिसको लोग देखने के लिए दूर दर्ज से भी लोग पहुंचते है। सावन के पूर्णिमा के दिन इस स्थान पर एक भव्य मेला का भी आयोजन किया जाता है जिसमें हज़ारों की संख्या में लोग इकट्ठा होते है।