बिहार में 3 सगी बहनों ने एक साथ निकाली दरोगा भर्ती परीक्षा, पहले से भी कर रही है सरकारी नौकरी

पिछले साल लगभग 6 लाख युवाओं ने बिहार दरोगा भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा दिया था। जिनमे से केवल 47,900 अभ्यर्थी ही इस परीक्षा को पास कर पाए है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिस परीक्षा में करीब साढ़े पांच लाख युवा फेल हो गए, उसमें बेगूसराय के एक गांव की तीन बहनों ने एक साथ सफलता हासिल कर सभी को चौंका दिया है।
इनके बारे में एक और दिलचस्प बात यह है, कि तीनों पहले से ही सरकारी नौकरी में कार्यरत हैं। तीनों बिहार पुलिस सेवा में ही नौकरी कर रही हैं। इन तीनों बहनों के एक साथ परीक्षा पास करने से पूरे गांव में खुशी है। ये तीनों सगी बहनें बेगूसराय के बखरी के सलौना गांव की रेहनी वाली है।
ग्रामीण परिवेश में ही पली-बढ़ी
तीनों बहनों ने एक साथ दारोगा की प्ररंभिक परीक्षा पास की है। तीनों का जन्म गांव के निम्नवर्गीय किसान के घर हुआ और वे ग्रामीण परिवेश में ही पली-बढ़ी है। उन्होंने गांव के ही स्कूल में शिक्षा भी ग्रहण किया है। इनके पिता फुलेना दास एक किसान हैं और मां गृहिणी हैं। फुलेना दस की कुल पांच संतानें हैं, जिनमें चार पुत्रियां और एक पुत्र है। तीनों ने अपनी इस कामयाबी से परिवार के साथ गांव का नाम रोशन किया है।
बड़ी पुत्री ज्योति कुमारी, दूसरी सोनी कुमारी तथा तीसरी मुन्नी कुमारी ने दारोगा की प्रारंभिक परीक्षा पास की है। तीनों की प्रारंभिक शिक्षा मध्य विद्यालय सलौना में हुई। तीनों ने उच्च विद्यालय शकरपुरा से मैट्रिक, एमबीडीआइ कालेज रामपुर बखरी से इंटर एवं यूआर कालेज रोसड़ा से स्नातक किया है।
सफलता का श्रेय माता पिता को
ज्योति व उनकी दोनों बहनें फिलहाल बिहार पुलिस सेवा में कार्यरत हैं। ज्योति मोतिहारी और मुन्नी जयनगर में पोस्टेड हैं। वहीं एक बहन पुलिस सेवा में ही सार्जेंट मेजर के पद पर हैं। ज्योति ने अपनी और बहनों के इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता और दृढ इच्छाशक्ति को दिया है।