चीन बॉर्डर से साइकिल चलाकर बिहार पहुंची 2 महिलाएं, सरकार से क्यों है खुश? जाने उनके 4000 KM यात्रा का मकसद

2 women reached Bihar by cycling from China border

‘बेटी बचाओ’ और ‘महिला सशक्तिकरण’ का संदेश लेकर बेंगलुरु की दो महिलाएं पहली बार ईस्ट टू वेस्ट इंडिया का रिकॉर्ड बनाने साइकिल यात्रा पर निकली हैं। बेंगलुरु की रहने वाली डॉक्टर मीरा वेलंकर और तस्नीम गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश में चीन के बॉर्डर कीवितु से 14 सौ किलोमीटर साइकिल से यात्रा करते हुए 11वें दिन बिहार के पूर्णिया पहुंची।

इसके बाद ये दोनों साइकिल से आगे के लिए रवाना हो गईं। पूर्णिया में यूथ हॉस्टल आम्रपाली के अध्यक्ष संतोष भारत और यूथ हॉस्टल एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के एन भारत ने हरी झंडी दिखाकर उन्हें आगे के सफर के लिए रवाना किया। आपको बता दे की साइकिलिस्ट डॉक्टर मीरा वेलंकर एक नेचर साइंटिस्ट भी हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि वे दोनों महिलाएं साइकिल से अरुणाचल प्रदेश से गुजरात के कोटेश्वर तक की 4 हजार किलोमीटर की यात्रा कर रही हैं।

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डॉक्टर मीरा वेलंकर

हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही महिलाएं

वह महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ का सन्देश लेकर निकली है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में पुरुषों से आगे निकल रही हैं। मंगलवार को आगे की यात्रा पर रवाना होने से पहले तस्नीम ने कहा कि बिहार सरकार ने भी महिलाओं को 50% आरक्षण दिया है, जो एक शानदार पहल है। हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। सरकार को महिलाओं की सुरक्षा की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।

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नेचर साइंटिस्ट साइकिलिस्ट डॉक्टर मीरा वेलंकर

महिलाओं का उद्देश्य काफी सराहनीय

वहीं, यूथ हॉस्टल एसोसिएशन आम्रपाली के अध्यक्ष संतोष भारत ने कहा कि “ये दोनों महिलाएं पहली बार साइकिल से ईस्ट टू वेस्ट इंडिया की 4000 किलोमीटर लंबी सफर पर निकली है। महिलाओं की आवाज बनकर ये दोनों अरुणाचल प्रदेश से गुजरात तक साइकिल से जाएगी। इन महिलाओं का उद्देश्य काफी सराहनीय है।

यूथ हॉस्टल एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के एन भारत ने कहा कि “यूथ हॉस्टल की सदस्य ये दोनों महिलाए प्रतिदिन करीब 150 किलोमीटर साइकिल चलाती हैं। दोनों ‘महिला सशक्तिकरण’ जैसे बड़े उद्देश्य को लेकर ईस्ट टू वेस्ट इंंडिया के अभियाान पर निकली हैं, जो काफी प्रशंसनीय है।