बिहार में मुखिया व गांव वालों संग अधिकारी करेंगे रात में तटबंधों की निगरानी, सभी जिलों को निर्देश जारी

उत्तर बिहार पर हर साल की तरह इस साल भी मानसून ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है, बाढ़ प्रभावित जिलों के अधिकांश हिस्सों में अब घरों तक पानी पहुंच गया है। इसी बीच राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों में तैनात अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मुखिया व गांव के लोगों के माध्यम से रात भर तटबंधों पर निगरानी की जाए साथ ही प्रतिदिन का रिपोर्ट ऑनलाइन माध्यम से अपलोड की जाए।

निर्देश में यह भी कहा गया है कि निगरानी के दौरान जिला प्रशासन के अलावा अन्य विभाग के अधिकारी, जिन्हें बाढ़ को देखते हुए जिलों में तैनात किया गया है पल पल की जानकारी राज्य को भेजे।

सभी जिले अलर्ट पर

बिहार में बाढ़ के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य के बाढ़ से प्रभावित होने वाले सभी 28 जिलों के जिलाधिकारी को अलर्ट मोड पर रखा गया है, फिलहाल जिन 12 जिलों के लोग बाढ़ से प्रभावित हो गये हैं, वहां राहत-बचाव के साथ तटबंधों व जमींदारी बांधों की निगरानी में मुखिया को भी जोड़ा गया है, जो गांव वालों के साथ मिल कर तटबंधों की सुरक्षा पर नजर रखेंगे।

आपको बता दे कि पटना,सीतामढ़ी, शिवहर , सुपौल, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गोपालगंज,पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, खगड़िया, सारण, समस्तीपुर, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी व सीवान में अधिक निगरानी हो रही है।

क्या है निर्देश

  • बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले जिलों में राहत कार्य को बढ़ने के साथ ही किसी भी जरूरत के लिए तुरंत मांग की जा
  • गांव वाले इलाकों में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की पेट्रोलिंग बढ़ायी जाये साथ ही राहत कार्य के लिए निजी और स्थानीय नाविकों का भी सहारा लिया जाए
  • जिला, अंचल एवं पंचायत स्तर पर बाढ़ राहत कार्य के लिये नोडल पदाधिकारी नामित कर उनका नाम, पता, दूरभाष, मोबाइल नंबर एवं फैक्स नंबर आदि जिला आपातकालीन संचालन केंद्र , जिला नियंत्रण कक्ष में रखी जाये